तुम साथ दो । तुम साथ न भी दो ।
में लड़ना चाहता हू
एक घोषित युद्ध .
युद्ध
कलम से जो रंगने लगती है
कागजों को परम्परा के नाम पर
पुराण प्रतीकों
के माध्यम से कविता,
में इतिहास दोहराना का पक्षधर नही ।
मान्य्तायो का लिजलिजापन
सिहरन नही पीड़ा करता है ।