पृष्ठ

शनिवार, 12 दिसंबर 2009

शीत में वसंत

बड़े अचम्भा था नायिका को, दिसम्बर को वागन में वसंत बगरो हैकोअलिया भी कुकी नही . तो भौरा मंडराया ,आम काहे वौराया . आम भी लगता आम आदमी की तरेह वे मौसम कुछ भी करने लगा है