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मंगलवार, 29 दिसंबर 2009

कुछ तो है

ऐ खुदा दे चंद आंसू,याद में उसकी बहा लूं
मेरी आंखों के समंदर, होंठ जिसके पी चुके हैं।

कांप उठा फ़िर से दरिया, सर से लेकर पांव तक,
लग रहा आदम बेटी प्यार में डूबी यहीं है।

बुधवार, 23 दिसंबर 2009

yado ki

ओह नन्ही चिड़िया
जव बहुमंगिला ईमारत के पीछे से
लाल लाल आँखे तरेरता सूर्य
मेरी खिड़की पर झांकता है
तुम पंजो से सलाखे पकड़ कर लटक जाती हो ओह नन्ही चिड़िया /
वल्कानी में लगा फूल जब मुस्कान बिक्रेर देते है
वहति बयार में
फूल आगे पीछे ऐसे झूमते है
मनो मस्जिद में वच्चे कर रहे हो हफिज़ा
तुम बच्चो के स्वर में गाने लगती हो ओह नन्ही चिड़िया /
में बिस्तेर पर बैठा और तुम रोशाव्दन पर
तुमसे आँखे मिलते ही मैं बंद कर लेता हूँ अपनी आँखे
इस आशा से कि आँखे पर तुम
डौगी अपना हाँथ / पंजा और
पूंचोगी कौन
मैं कहूँगा मेरी विटिया ओह नन्ही चिड़िया

शनिवार, 12 दिसंबर 2009

शीत में वसंत

बड़े अचम्भा था नायिका को, दिसम्बर को वागन में वसंत बगरो हैकोअलिया भी कुकी नही . तो भौरा मंडराया ,आम काहे वौराया . आम भी लगता आम आदमी की तरेह वे मौसम कुछ भी करने लगा है